अब ड्राइवर्स होंगे बेरोज़गार
भारत-पाकिस्तान युद्ध से व्यापार ठप, लाखों नौकरियां खतरे में
खबर विस्तार से:
भारत और पाकिस्तान के बीच जारी युद्ध जैसी स्थिति ने न केवल सीमाओं पर तनाव बढ़ाया है, बल्कि लाखों आम लोगों की रोज़ी-रोटी पर भी गहरा असर डाला है। भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ सभी व्यापारिक सौदों को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है। इसका मतलब है — अब न कोई सामान जाएगा, न आएगा।
इस फैसले का सबसे सीधा और भारी असर ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर पड़ा है। हज़ारों ट्रक ड्राइवर्स, क्लीनर, लोडिंग वर्कर और डिपो स्टाफ अब बेरोज़गारी की कगार पर हैं। अमृतसर से अटारी, मुंबई से करांची, दिल्ली से लाहौर तक, हर बॉर्डर पर ट्रकें खड़ी हैं और इंजन ठंडे पड़ चुके हैं।
“अब क्या करें साहब? रोज़ 500 किलोमीटर ट्रक चलाते थे, अब घर बैठ कर बच्चों को समझा नहीं पा रहे,” — यह कहना है एक ड्राइवर श्यामलाल का, जो पिछले 15 साल से भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के रूट पर ट्रक चला रहे थे।
ट्रांसपोर्ट यूनियन का कहना है कि सिर्फ ड्राइवर्स ही नहीं, गोदाम में काम करने वाले मज़दूर, खाना पकाने वाले, होटल वाले, मैकेनिक — सभी पर इसका असर पड़ा है। माना जा रहा है कि सिर्फ उत्तर भारत में ही करीब 1.2 लाख से ज्यादा लोगों की नौकरियां इस फैसले से प्रभावित हुई हैं।
एक झटके में लाखों लोगों की नौकरी चली गई, और सरकार से अभी तक कोई राहत की घोषणा नहीं आई है।
सरकार ने यह फैसला पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने और सीमाओं पर की गई गोलीबारी के जवाब में लिया है। भारत का कहना है कि “देश की सुरक्षा सर्वोपरि है”, लेकिन आम आदमी पूछ रहा है —
“क्या रोज़गार की सुरक्षा अब कोई मायने नहीं रखती?”
बच्चों की स्कूल फीस, घर का किराया और खाने का खर्च — सब कुछ अब सवाल बन चुका है। बेरोज़गारी की यह लहर अगर जल्द नहीं थमी, तो यह सिर्फ आर्थिक नहीं, सामाजिक संकट बन सकती है।